संभोग से आनंद की ओर
22—साधनाऐं
जीवन के कुछ पहलुओं को हमने जाना, ओर भी बहुत से ऐसे पहलू है जो हमारे सुखमय जीवन
को बरबाद कर देते है। इसलिये हमे कैसे इस ऊर्जा को बढ़ाना है, कैसे आनंद की पराकाष्ठा तक पहुँचना है, इसे जानना है। इसी को लेकर अग्रलिखित साधनाओ को
लिखा गया है। पहली साधना उनके लिये है जो शादीशुदा नही है ओर फिर भी सैक्स की
भावना रखते है, उनकी तृप्ति कैसे हो, कैसे आनंद मिले। ओर दूसरी शादीशुदा लोगों के
लिये है जिन्होंने जीवन मे पहला कदम रखा है। ओर तीसरी उन लोगों के लिये है जो शादी
के बाद कुंठाओ से भर गये है। स्त्री को कहते है कि तू प्यार नही करती ठंडी हो गयीं
है ओर पुरूष शीघ्रपतन व नपुंसकता के शिकार हो गये है। स्त्री को तृप्त नही कर पाते
हैं। तब वह खुद तो शर्मिंदगी महसूस करते है परन्तु एक दूसरे से कुछ कह नही पाते, ओर मजबूरी मे आनंद से वंचित होकर बार बार कोशिश
कर ऊर्जा का ह्मस कर निस्तेज हो जाते है। अतः ये तीनों साधनाऐं सम्पूर्ण जीवन मे
आपके काम आयेगी, आप उम्र के किसी भी
पड़ाव पर क्यों न हो। ओर आप आज जहाँ भी जीवन की राह पर खड़े हो वही से एक नयी शुरुआत
कर पायेंगे। जितनी उपयोगी यह नवयुवक व युवतियों के लिए हे उतनी ही यह नवविवाहित व
पुराने दंपति जो जीवन के पड़ाव के अधर मे है उनके लिए है। तो आईये आज आभी जाने इस
रहस्यमय साधनाओ को ओर शुरू करें जीवन मे आनंद की एक नई शुरुआत।
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