वासना का उठना
वासना का उठना भी आत्मा की स्वतंत्रता का हिस्सा है, यह किसी ने उठा नहीं दी तुममें यह तुम्हारा स्वभाव हैवासना भी उठती है तुम्हारे स्वभाव में और मोक्ष भी उठता है तुम्हारे स्वभाव में जब वासना उठती है तो तुम संसारी हो जाते हो जब वासना उठती है तो तुम देह में प्रवेश कर जाते हो जब वासना से थक जाते हो तो मुक्त हो जाते हो मगर दोनों तुम्हारे ही स्वभाव हैं
ऐसा नहीं है कि वासना कोई शैतान तुम में डाल रहा है और मोक्ष तुम लाओगे
वासना भी तुम्हारी, मोक्ष भी तुम्हारा
और जिसने ऐसा समझ लिया, उसे एक बात खयाल में आ जाएगी कि अगर आत्मा में वासना न उठ सके तो वह आत्मा मुक्त ही नहीं
क्योंकि मुक्ति ऐसी क्या मुक्ति हुई?
अगर तुम्हें स्वर्ग जाने की ही मुक्ति हो और नरक जाने के लिए दरवाजे ही बंद हों और जा ही न सको, तो यह मुक्ति कोई पूरी मुक्ति न हुई
यह स्वर्ग भी बेमजा हो जाएगा
इसका भी स्वाद खो जाएगा। मुंह कड़वाहट से भर जाएगा स्वर्ग में जा कर
स्वर्ग का मजा ही यह है कि नरक जाने की भी सुविधा है
सुख का मजा यही है कि दुखी होने की सुविधा है
विपरीत के कारण ही जीवन में सारा रंग है, सारा संगीत है
अगर विपरीत न हो तो सब संगीत खो जाए
वीणावादक अंगुलियों से तार को छेडता है तो संगीत है
अंगुलियों और तार में जो संघर्ष होता है वही संगीत है
संघर्ष बंद हो जाए, संगीत शून्य हो जाए, संगीत खो जाए
osho
Kalpant Healing Center
Dr J.P Verma (Swami Jagteswer
Anand Ji)
(Md-Acu, BPT, C.Y.Ed, Reiki Grand
Master, NDDY & Md Spiritual Healing)
Physiotherapy, Acupressure, Naturopathy, Yoga, Pranayam, Meditation, Reiki, Spiritual & Cosmic Healing, (Treatment & Training Center)
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